आक्खे : स्वाद के साथ साथ पोषण भी
आक्खे के अनोखे फायदे
हिमाचल प्रदेश प्राचीन काल से ही जड़ी बूटियों का केन्द्र रहा है ।यहाँ कई जड़ी बूटियां तथा बड़े ही दुर्लभ प्रकार के फल भी पाए जाते हैं।आज हम सब एक ऐसे ही फल के बारे में जानेंगे।
आक्खे हिमाचल में पाया जाने वाला बहुत ही दुर्लभ किसम का एक फल है। यह मुख्यता उत्तराखंड, हिमाचल, पंजाब,नेपाल,असम तथा कश्मीर में पाया जाता है। इसका बोटनिकल नाम Rubus ellipticus है।यह मुख्यता 700 – 2000 मी. तक कि ऊँचाई वाले क्षेत्रों में पाया जाता है।
इस के पौधे हमे वहीँ दिखते हैं जहां आस पास पानी का स्त्रोत हो।इसके पोधो में फूल मुख्यता फरबरी के अंत व मार्च के शुरुवात तक आते हैं।यह फल सेहत के लिए भी बढ़ा अच्छा है । शोध में इसमे कई गुणकारी चीजे जैसे कि विटामिन सी ,पेक्टिन, फ़ास्फ़रोस, कैल्शियम, मैग्नीशियम व आयरन पाए गए हैं।
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इन सब से हम ये पता लगा सकते है कि ये एक बहुत अच्छा एंटीऑक्सीडेंट हो सकता है क्योंकि एंटीऑक्सीडेंट मुख्यता विटामिन ए(A),सी (C), ई(E) व क (K) में पाए जाते हैं व इसमे विटामिन सी(C) पाया गया है।एंटीऑक्सीडेंट हमारे शरीर मे मौजूद फ्री रेडिकल्स को खत्म करता है।यह फ्री रेडिकल्स हमारे शरीर के लिए बहुत हानिकारक होते है।इनसे कई तरह की बीमारियां होने का खतरा होता है ।इनमे से कैंसर मुख्य बीमारी है।
यदि हम एंटीऑक्सीडेंट्स का पर्याप्त मात्रा में सेवन करते हैं तो हम स्वस्थ रहेंगे। इसके अलावा विटामिन सी एन्टी एजिंग यानी कि बुढापा आने से रोकने में सहायक है।विटामिन सी शरीर की त्वचा को बुढा करने वाले फैक्टर को कम करता है और त्वचा जवान रहती है।इस सब से हमे ये पता चलता है कि ये कितना गुणकारी है।यदि सरकार का ध्यान इसकी खेती की तरफ जाए तो शायद किसानों को कुछ लाभ हो सकता है।
सरकार ने फलों की खेती पर ठीक ध्यान दिया है, उन्होंने 1985 में डॉक्टर वाई .अस .परमार विश्वविद्यालय बागवानी व वानिकी शिक्षा ससंस्थान क़ि स्थापना की है व वहाँ कई शोध हो रहे हैं जो प्रदेश की अर्थव्यवस्था में अपना योगदान दे रहे है। परंतु इस फल को अनदेखा किया जा रहा है।
इसे महज एक घास पूस समझा जा रहा है व इसे नजरअंदाज किया जा रहा है।प्रदेश सरकार हमेशा से ही फलों के उथान में लगी हुई है चाहे वो सेब की बागवानी हो या फिर अभी कुछ दिनों पहले सूनने में आया था कि प्रदेश में अब कीवी की बागवानी भी शुरू की जाएगी व इसके लिए सरकार किसानों की खूब मदद कर रही है।मै यह नही कहता कि सरकार ये गलत कर रही है
अपितु ऐसे प्रयासों की तो मै सराहना करता हूँ परन्तु हमारी सरकार को अपना ध्यान आक्खे की और भी आकर्षित करना चाहिए व लोगो को इसके प्रति जागरूक करना चाहिए व हो सके तो इसपे रिसर्च भी किया जा सकता है जिससे कि वैज्ञानिक तोर पर भी ये पुष्टि हो जाये कि ये हमारे लिए कितना गुणकारी है।
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इसका एक अन्य फायदा ये भी है कि इसकी खेती पर ज्यादा खर्चा भी नही उठाना पड़ेगा किसानों को व इसे कहीं भी आसानी से लगाया जा सकता है व इसकी खेती के लिए ज्यादा खाद की आवश्यकता भी नही होगी क्योंकि ये पहाड़ियों में आसानी से उग जाता है। यदि इस कि खेती प्रसिद्ध हो जाये तो किसानों को भी इसके बहुत लाभ होंगे,वह आसानी से इसे कहीं भी उगा सकते है व अन्य प्रमुख खेती के साथ साथ इसे भी उगा सकते है।
इससे किसानो की अर्थव्यवस्था में भी काफी सुधार आएगा।जरुरत है तो बस एक प्रयास की ,और यह प्रयास हम सब को सरकार के साथ मिल कर लेना है।
(यह सब मेरे अपने निजी विचार है जरूरी नही आप सब भी इस पर सहमत हो)
Image source : Pinterest
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